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Durlabh Kashyap Biography in Hindi
काली शर्ट पहने लड़का, आँखों में काजल, माथे पर अलग तरह का टीका, कंधे पर गमछा नाम है दुर्लभ कश्यप…! Durlabh kashyap नाम अगर Facebook, Instagram पर तलाशेंगे तो इस नाम के कई accounts, page groups सामने आ जाएंगे, लेकिन सबसे ज़रूरी बात यह है की दुर्लभ कश्यप नाम का ये लड़का जो अब दुनिया में नहीं है, गैंगवार में मारा जा चुका है मरने के बाद भी उसकी इतनी fan following क्यों है ? आज हम इस Article Durlabh kashyap biography in hindi में दुर्लभ कश्यप के जीवन की कहानी को समझेंगे इसके लिये आप अंत तक बने रहिये।

Durlabh kashyap Biography
नाम (Name) | Durlabh Kashyap |
उपनाम (Nickname) | Kohinoor |
जन्मतिथि (Date of birth) | 8 November 2000 |
जन्मस्थान (Birthplace) | Abdalpura, Jivajiganj(Ujjain) |
Famous For | Gangster |
मृत्यु (Death) | 7 September 2020 |
शिक्षा (Education Qualification) | Higher Secondry |
धर्म (Religion) | Hindu |
जाति (Caste) | ब्राह्मण |
ब्लड ग्रुप | N/A |
पता (Address) | Ujjain (M.P) |
स्कूल (School) | राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लोकमान्य तिलक हायर सेकेंडरी स्कूल, उज्जैन |
कालेज College | N/A |
परिवार
पिता (Father) | Manoj Kashyap |
माता (Mother) | पद्मा |
पत्नी (Wife) | N/A |
भाई (Brother) | N/A |
Physical Status
ऊंचाई (Height) | 5″1 |
वजन (Weight) | 58 Kgs |
आँखों का रंग (Eye colour) | Black |
बालो का रंग (Hair colour) | Black |
Carrier Profile
कमाई | In lakhs |
पेशा | Gangster |
कौन था दुर्लभ कश्यप? (Who is Durlabh kashyap)
दुर्लभ कश्यप का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के जीवाजीगंज, अब्दालपुरा में 8 नवंबर 2000 को हुआ था। उसके पिता कारोबारी हैं और माता टीचर थी। माता पिता को लगा की हमारा बेटा कुछ अलग करेगा और हमारा नाम रोशन करेगा, इसलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम दुर्लभ रखा। दुर्लभ अपनी मां के करीब था, इसलिए वह मां के साथ उज्जैन में ही रहता था, उसके पिता इंदौर में रहते थे। उज्जैन में ही रहकर वह पढ़ाई कर रहा था। उसे बिल्लियां बहुत पसंद थी। करीबी बताते हैं, वो बिल्लियां पालने का शौकीन था। 15 साल की उम्र से उसने हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालनी शुरू कर दी थीं, वह लोगों को धमकाता था। सोशल मीडिया पर अपनी बदमाशी का प्रचार करता था। जैसे-जैसे दुर्लभ की उम्र बढ़ती गई वह जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ता गया। इतना ही नहीं उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल में क्राइम करने के लिए एक विज्ञापन भी लिख रखा था, ‘किसी भी तरह के विवाद के निपटारे के लिए संपर्क करें’।
दुर्लभ कश्यप का शैक्षिक जीवन (Durlabh kashyap Education)
दुर्लभ एक अच्छे खानदान में पैदा हुआ था इसलिए उसके घर में किसी चीज की कमी नहीं थी। उसकी माता भी टीचर थी , इसलिए उन्होंने दुर्लभ का Admisson उज्जैन के ही एक लोकल स्कूल लोकमान्य तिलक हायर सेकेंडरी में करा दिया। पर कुछ ही समय में दुर्लभ ने अपना रंग दिखाना चालू कर दिया। जब स्कूल में जूनियर और सीनियर की लड़ाई होती तो वह उसमे कूद पड़ता। धीरे धीरे उसका प्रभाव बढ़ने लगा, उसकी छवि एक दवंग छात्र की बन गयी थी और कुछ समय वाद वह स्कूल के झगड़ो का निपटारा करने लगा।
इस माहौल के कारण उसका झुकाव जुर्म की दुनिया की तरफ होने लगा। उसने स्कूल में ही अपना गैंग बना लिया और वह छोटी मोटे अपराध करने लगा।
दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर (Durlabh kashyap gangster)
उस समय जब दुर्लभ महज 16 साल का था। उसने अपनी दबंगई का प्रचार, सोशल मीडिया पर किया। उसने अपने फेसबुक के about section में लिखा कि “मैं एक कुख्यात बदमाश हूँ। एक हत्यारा हूं। किसी भी तरह का विवाद निपटाने के लिए, संपर्क करें। मैं हर तरह का विवाद निपटा दूंगा।”
टीनएज में ही उसे अपराध का शौक भी चढ़ गया था। सोशल मीडिया पर उसके स्टाइल से प्रभावित होकर खासकर टीनएजर और यूथ्स उससे जुड़ने लगे। फैन फॉलोइंग हर दिन के साथ बढ़ रही थी। इससे उसे मजबूती मिली और वह शहर में छोटी-मोटी वारदातें करने लगा।
यही से उसके जीवन का क्राइम वाला दौर शुरू हो गया। दरअसल, उसे तब यह नहीं पता था। कि वह क्या कर रहा है। इसका उसके जीवन में क्या प्रभाव पड़ेगा । धीरे-धीरे उसकी इस post की वजह से उसकी गैंग बढ़ने लगी, और दुर्लभ इन सबका Leader बन गया।
वह ऐसे गुंडों बदमाशो को अपनी गैंग में शामिल करता जिनका उनके Area में पहले से दवदबा है। इस तरह उसके संपर्क में हज़ारो युवा आ गए। कुछ समय वाद दुर्लभ इतना फेमस हो गया की युवा दूर दूर से उसकी गैंग में शामिल होने के लिए इंदौर, उज्जैन आने लगे।
जिस समय दुर्लभ यह सब कर रहा था उस समय वह नाबालिक था। वह अक्सर सोशल मीडिया पर हथियार और अपने गैंग के साथ फोटो शेयर किया करता था। जिसे देख लोग उसे ‘उज्जैन का डॉन’ कहने लगे थे।
गैंग का ड्रेस कोड (Gang’s Dress Code)

दुर्लभ और उसके साथी दानी gate इलाके में उस जगह बैठा करते थे जहाँ दाह संस्कार किया जाता था। दाह संस्कार करने वाले कुछ लोग कालापंचायानी गमछा कंधे पर डाला करते थे। वजनी दिखने के लिए ही दुर्लभ ने गमछा डालना शुरू किया था। दुर्लभ कश्यप गैंग किसी कॉरपोरेट कंपनी की तरह काम करता था। काली शर्ट, आँखों में काजल, माथे पर अलग तरह का टीका, कंधे पर गमछा यह दुर्लभ कश्यप गैंग का ड्रेस कोड था, जिसे खुद दुर्लभ कश्यप अपनाता था। जिस वजह से उसके गैंग के सभी सदस्य भी यही ड्रेस कोड अपनाने लगे। माथे पर लाल टीका आंखों में सुरमा, कंधे पर काला गमछा, बड़े-बड़े बाल, तो कभी छोटे-छोटे बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी। इसे देखकर युवा उसके Fan हो जाते थे। दुर्लभ के गैंग में ज्यादातर सदस्य नाबालिग थे, इसलिए उन्हें यह सब बहुत नया लगता था। इसलिए कम उम्र के लड़कों के बीच दुर्लभ काफी पॉपुलर हो गया था।
इस गैंग की जो पहचान बनी, वह इनका ड्रेस कोड ही था। किसी भी नए सदस्य को जुड़ने पर यही ड्रेस कोड फॉलो करना पड़ता था। पूरे गैंग के साथ, जब फोटोशूट होता। तो इस फोटोशूट को भी सोशल मीडिया पर डाला जाता। यह दुर्लभ कश्यप गैंग है। बहुत सारे भटके हुए युवा, दुर्लभ कश्यप गैंग से जुड़ना शुरू हो गए। साथ ही इनके क्राइम भी बढ़ते चले गए।
दुर्लभ कश्यप के पुलिस केस (Durlabh kashyap Police cases)
दुर्लभ कश्यप 17 साल की उम्र में ही अपराध करने लगा वह अपराध करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेता था। दुर्लभ व्हाट्सएप एवं फेसबुक के जरिए अपराध कामों को अंजाम देता था।
उज्जैन में कम उम्र की युवाओं के बीच दुर्लभ की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। धीरे-धीरे करके उनके गैंग में 100 से भी अधिक लोग जुड़े हुए थे। ऐसे ही धीरे-धीरे करके उज्जैन शहर में आतंक फैलाने लगा था दुर्लभ कश्यप। उसके नाम से छोटे से लेकर बड़े बड़े बिजनेसमैन तक थरथर कांपते थे।
18 साल का लड़का कैसे उज्जैन में धीरे-धीरे आतंक फैलाने लगा इस तरह उनके कई दुश्मन बन गए थे। उनके बढ़ते अपराध उज्जैन पुलिस के लिए एक चुनौती भरा था।
उज्जैन में उस समय आईपीएस सचिन अतुलकर जी SP हुआ करते थे। उन्होंने शहर में बढ़ती अपराध को रोकने के लिए एक हिस्ट्रीशीटर लिस्ट जारी की। जिस लिस्ट में दुर्लभ कश्यप तथा उनके गैंग के लोग भी थे। क्योकि उस समय उज्जैन शहर में इस गैंग की बदमाशी बढ़ने लगी, तो पुलिस ने इन्हें उठाना शुरू किया।
27 अक्टूबर 2018 में दुर्लभ को 23 साथियों के साथ पकड़ा गया था। तब नाबालिग होने पर उसे बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया। किशोर न्याय बोर्ड ने 24 अप्रैल 2019 को उसे इंदौर भेज दिया। वह बालिग हुआ तो पुलिस ने फिर कार्रवाई की। पुलिस के डर से 1 साल से ज्यादा भैरवगढ़ जेल (उज्जैन) में रहा। 18 साल की उम्र में उसके खिलाफ 9 केस दर्ज हो गए थे। वह जेल से भी गैंग चलाता रहा।
एक बार दुर्लभ कश्यप से मुलाकात करने के लिए आईपीएस सचिन अतुलकर मिलने आए थे। उन्होंने चेतावनी के तौर पर दुर्लभ कश्यप को कहा था –
“तू जेल में रहेगा तो जिन्दा रहेगा ,बाहर अपनी उम्र से ज्यादा दुश्मन बना लिए है तूने ”
SP Sachin Atulkar IPS
दुर्लभ कश्यप की रिहाई (Durlabh kashyap Bail)
मार्च 2020 में देशभर में, कारोना lockdown लग गया। इस दौरान पूरे देश में जेलों में कैदियों की संख्या अधिक थी। तब जेल प्रशासन ने तय किया, कि जिन लोगों के जुर्म कम है या फिर जो बेल के हकदार हैं जिनका संगीन जुर्म नहीं है। उनको जमानत पर रिहा कर दिया जाए। कोरोना के खत्म होने पर, उन्हें वापस लाया जाएगा। इसी में, दुर्लभ कश्यप की भी बारी आ गई। उसे भी इस कोरोना के तहत छोड़ दिया गया।
दुर्लभ जेल से बाहर आने के बाद, कुछ दिन इंदौर में रहता है। फिर अपनी मां के पास उज्जैन पहुंच जाता है। लेकिन उज्जैन में पहुँचने के बाद, जैसे ही वह उन दोस्तों के बीच आता है, वह फिर एक्टिव हो जाता है।
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दुर्लभ कश्यप की हत्या (Durlabh kashyap murder)
दुर्लभ कश्यप 16 या 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में पांव रखा। इस उम्र में बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने में लगे होते हैं। लेकिन दुर्लभ के मन में बदमाश बनने का ऐसा धुन सवार हुआ और निकल पड़ा गलत रास्ते में जहां जाना तो बहुत आसान है लेकिन वहां से वापस आना बड़ा ही कठिन।
कहते हैं अपराध की दुनिया छोटी होती है उस रास्ते पर चलकर दुर्लभ कश्यप खुद अपनी ही मौत का कारण बना। यह बात है लॉकडाउन से पहले करीब फरवरी महीने के आस-पास वह जेल से छूटा, और इंदौर रहने चला आया। लॉकडाउन खत्म होने के बाद वह फिर से उज्जैन अपनी मां के पास रहने के लिए चला आया।
6 सितंबर 2020 की रात थी। जब दुर्लभ अपनी मां के साथ घर में था। उसने रात का खाना खाया, तभी उसके कुछ दोस्तों उसे नीचे से साथ चलने की लिए आवाज़ देते हैं। फिर वह अपनी मां को बताकर घर से निकल जाता है। वह अपने दोस्तों के साथ, थोड़ी दूर एक चाय की दुकान पर पहुंचता है।
चाय की दुकान पर, दुर्लभ और उसके 4 साथी रात को 1:30 बजे चाय पीते हैं। तभी उसका एक दुश्मन चाय की दुकान पर अपनी पूरी गैंग के साथ आ जाता है इसका नाम शहनवाज था, जो कि वहां का एक लोकल गुंडा था। दोनों के बीच में कुछ कहासुनी शुरू होती है। इसी बीच दुर्लभ शाहनवाज को कट्टा निकाल कर गोली मार देता है। गोली जाकर उसके गर्दन पर लगती है और शाहनवाज वहीं पर गिर जाता है। यह देखकर शाहनवाज के गैंग के लोग उसको घेर कर उसके ऊपर टूट पड़ते हैं। इस गैंगवार में हारते हुए देखकर दुर्लभ कश्यप के पांच साथियों उसे छोड़ कर भाग जाते हैं।
दुर्लभ को उस गैंगवार में अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा। उसे चाकू से 34 बार हमला किया गया था। जिसका परिणाम यह हुआ कि अपराध की दुनिया में नाम कमाने की चाहत रखने वाले दुर्लभ कश्यप का 7 सितंबर 2020 को गैंगवार के हमले में, महज 20 साल की उम्र में अंत हो गया। दुर्लभ की मौत के बाद पुलिस को खबर दी गई पोलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया और सबके बयान दर्ज किये इसके बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
इसके 7 महीने बाद उसके माताजी पद्मा ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उस चाय के दुकान मालिक ने भी जेल में आत्महत्या कर ली थी।
Durlabh kashyap Video Songs
दुर्लभ कश्यप की हत्या होने के वाद उस पर कई गाने बन गए है जिन्हे उसके चाहने वालो ने बनाया है। आप दुर्लभ की Fan Follwing का अंदाजा बस इस बात से लगा सकते है की इन Durlabh Kashyap Songs पर 10 Milion+ views हैं। ऐसे ढेरो गाने आपको Youtube पर मिल जायेंगे।
Durlabh Kashyap Social Media
सोशल मीडिया following
Durlabh kashyap अगर Facebook, Instagram पर तलाशेंगे तो इस नाम के कई accounts, page groups सामने आ जाएंगे, लेकिन सबसे ज़रूरी बात यह है की दुर्लभ कश्यप नाम का ये लड़का जो अब दुनिया में नहीं है गैंगवार में मारा जा चुका है मरने के बाद भी उसकी इतनी fan following क्यों है ? इसके पीछे का मुख्य कारण है उसका इतनी काम उम्र में ही famous हो जाना। उसका ड्रेस कोड भी ऐसा था जिसने उसे अलग दिखने में मदद की।
“वो एक सामान्य अपराधी था आप उस लगे मुक़दमे देख लीजिये, ज्यादातर चाकूबाजी मारपीट के है लेकिन सोशल मिडिया ने उसे गैंगस्टर बना दिया।”
Gagan Badal – अधीक्षक, जीवाजीगंज उज्जैन
Note :- ऊपर दी हुई सभी जानकारी हमने Internet पर उपलब्ध बिभिन्न स्रोतो से प्राप्त की है, इसलिए हम इनकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करते है।
FAQ’S
Who is Durlabh Kashyap.? Durlabh kashyap kaun tha….? दुर्लभ कश्यप क्यों प्रसिद्ध था ? Why Durlabh Kashyap was famous.?
दुर्लभ कश्यप एक अपराधी था, इसके ऊपर मात्र 18 वर्ष की उम्र में 9 केस दर्ज हो
गए थे। उसकी मात्र 20 साल की उम्र में हत्या कर दी गयी।
Durlabh kashyap Cases…? दुर्लभ कश्यप पर कितने केस थे….?
दुर्लभ कश्यप के ऊपर मात्र 18 वर्ष की उम्र में 9 केस दर्ज हो गए थे।
Durlabh kashyap Gangster था ..?
नहीं, Durlabh Kashyap गैंगस्टर नहीं था। उसकी हत्या के बाद सोशल मिडिया ने उसकी छवि गैंगस्टर की बना दी है।
Durlabh kashyap ki kya kahani thi…? दुर्लभ कश्यप की कहानी क्या थी ….?
हमने इस Article में पूरी कहानी को शुरू से अंत तक समझाया है।
Durlabh kashyap GF…? दुर्लभ कश्यप ki gf
माफ़ कीजिये हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
दुर्लभ कश्यप कितने भाई थे।
माफ़ कीजिये हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर क्यों बना।
दुर्लभ बहुत जल्दी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमाना चाहता था , उसका यही सपना उसे जुर्म के रास्ते पर ले गया।
दुर्लभ कश्यप का घर कहाँ है।
उज्जैन (मध्य प्रदेश)
दुर्लभ कश्यप का मोबाइल नंबर ….?
चूँकि दुर्लभ की हत्या हो गयी है, इसलिए उसका कोई Mobile Number उपलब्ध नहीं है।
Who is the king of Ujjain?
कुछ लोग दुर्लभ कश्यप को king of Ujjain कहते है।